₹1,045 करोड़ के फर्जी दावे 40,000 करदाताओं ने खुद वापस लिए
आयकर विभाग (Income Tax Department) ने देशभर के 150 से अधिक स्थानों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी कटौती और बोगस रिफंड क्लेम से जुड़े संगठित रैकेट पर शिकंजा कसा है। यह छापेमारी एक AI आधारित डेटा एनालिटिक्स प्रणाली के ज़रिए की गई, जिसमें कई कर सलाहकार, प्रोफेशनल्स और छोटे करदाताओं की भूमिका उजागर हुई।
बड़ी बातें एक नजर में
- देशभर में 150+ स्थानों पर छापेमारी
- 40,000 से अधिक करदाताओं ने ₹1,045 करोड़ के फर्जी दावे खुद ही वापस लिए
- गैर–पहचाने गए राजनीतिक दलों, एनजीओ और नकली संस्थाओं पर जांच
- रिफंड रैकेट चलाने वाले एजेंट और ITR फाइलिंग प्रोफेशनल्स की भूमिका संदिग्ध
- AI और AIS/TIS सिस्टम से फर्जीवाड़े की पहचान कर कार्रवाई
फर्जी दावे कैसे किए जा रहे थे?
जांच में पाया गया कि कुछ करदाताओं और पेशेवरों ने:
- धारा 80G, 80C, 10(14)आदि के तहत फर्जी रसीदों पर कटौती का दावा किया
- ITR में गलत छूट और लाभदिखाकर रिफंड लिया
- पहचानहीन संस्थाओंको दान दिखाकर छूट ली
- ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे करदाताओंके नाम पर फर्जी ITR भरकर रिफंड हासिल किया
AI और डेटा एनालिसिस से कैसे हुई पहचान?
CBDT ने आधुनिक AI आधारित एनालिटिक्स और डाटा ट्रायएंगुलेशन का उपयोग कर निम्न स्रोतों से जानकारी जोड़ी:
- AIS (Annual Information Statement) में दिख रहे बैंक लेनदेन
- निवेश प्रोफाइल और शेयर बाजार डेटा
- पुराने ITR फाइलिंग पैटर्न
- NGO और ट्रस्ट्स के रिकॉर्ड
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार:
“AI ने असामान्य डिडक्शन और रिफंड पैटर्न को पहचाना, जिससे इन छापों की नींव पड़ी।”
टारगेट पर रिफंड रैकेट चलाने वाले
विभाग ने उन लोगों पर भी शिकंजा कसा है जो खुद को “रिफंड एक्सपर्ट” या “ITR एजेंट” बताकर लोगों को:
- गारंटीड रिफंड का झांसा देते थे
- बिना करदाता की जानकारीके फर्जी ITR फाइल करते थे
- नकली दस्तावेज़ों और रसीदोंका इस्तेमाल करते थे
- रिफंड कोतीसरे पक्ष के खाते में डलवाते थे
ईमानदार करदाताओं के लिए सलाह
स्वस्थ टैक्स प्लानिंग के लिए ध्यान दें:
- सभी कटौती के लिए वैध दस्तावेज़ रखें
- अपने AIS, TIS और फॉर्म 26AS की आपसी तुलना करें
- “पक्का रिफंड दिलाने” वाले एजेंट से बचें
- धारा 80G या अन्य छूट का दावा तभी करें जब संस्था मान्यता प्राप्त हो
- ITR स्वयं या किसी प्रमाणित CA या विश्वसनीय प्रोफेशनल से भरवाएं
सरकार की चेतावनी: टैक्स फ्रॉड अब नहीं चलेगा
CBDT ने साफ संकेत दिया है कि:
- दोहराए गए फर्जीवाड़े परPAN नंबर ब्लॉक किया जाएगा
- संदिग्ध मामलों मेंधारा 143(2) के तहत नोटिस जारी होंगे
- पहले दिए गए रिफंड कीपुनः वसूली हो सकती है
राजस्व सचिव ने कहा:
“टैक्स सिस्टम की पारदर्शिता से खेलने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”
मीडिया रिपोर्ट्स में छाया मुद्दा
इस बड़ी कार्रवाई की व्यापक कवरेज हुई:
- Economic Times: “I-T Searches 150 Sites Over Bogus Claims”
- Business Standard: “₹1,045 करोड़ के फर्जी दावे वापस”
- Financial Express, Times of India, Dainik Bhaskar, Amar Ujala, Punjab Kesari और अन्य प्रमुख अखबारों ने इसे फ्रंट पेज पर छापा
निष्कर्ष: सही प्लानिंग, पारदर्शिता और दस्तावेज़ – यही है भविष्य
डिजिटल टैक्स प्रणाली में अब “दावा करो और भूल जाओ” का जमाना नहीं रहा। अब जो भी आप दाखिल करेंगे, उसे सिस्टम से मिलाया जाएगा, जांच होगी, और जरूरत पड़ी तो कार्रवाई भी।
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